IIT बॉम्बे के प्रतिष्ठित स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (UOU), हल्द्वानी के सहयोग से एक वर्चुअल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन दिनाँक 09 दिसंबर को किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों और पेशेवरों को कौशल आधारित पाठ्यक्रमों की उपयोगिता और उनके प्रभाव के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत UOU के प्रतिनिधियों और IIT बॉम्बे के स्पोकन ट्यूटोरियल टीम के परिचयात्मक भाषण से हुई। उन्होंने प्रतिभागियों को डिजिटल युग में कौशल विकास के महत्व और उद्योग की बदलती मांगों के अनुरूप कौशल आधारित पाठ्यक्रमों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
स्पोकन ट्यूटोरियल, IIT बॉम्बे से वर्षा डांडे ने तकनीकी और व्यावसायिक कौशल पर आधारित पाठ्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई। इनमें पायथन, जावा, सी++, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा और ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर जैसे विषय शामिल थे। UOU हल्द्वानी के कंप्यूटर साइंस विभाग के निदेशक प्रो. जीतेन्द्र पाण्डे ने कहा, "इस प्रकार के कार्यक्रम डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। हमारे छात्रों को रोजगार और उद्यमशीलता में नए अवसर मिलेंगे। IIT बॉम्बे के साथ यह सहयोग शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाएगा।
कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रो. आशुतोष कुमार भट्ट ने कहा, "IIT बॉम्बे और UOU का यह सहयोग डिजिटल शिक्षा और रोजगार उन्मुख शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित करेगा।" प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना की और प्रशिक्षण की गुणवत्ता तथा पाठ्यक्रम की सुलभता के बारे में सवाल पूछे ।
कार्यक्रम ने छात्रों और पेशेवरों को डिजिटल शिक्षा में संलग्न होने और अपने कौशल को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। यह सहयोग डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित करने और रोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी स्पोकन टुटोरिअल डॉ0 बालम दफौटी ने कहा हमारे विश्वविद्यालय के लिए IIT बॉम्बे के साथ सहयोग एक बड़ी उपलब्धि है। यह पहल हमारे छात्रों के करियर में नई संभावनाएं लाएगी और उन्हें रोजगारोन्मुख बनाएगी और साथ ही डा0 दफौटी ने कौशल आधारित पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षण प्रक्रिया के बारे में विस्तार पूर्वक शिक्षार्थियों को बताया ।
UOU और IIT बॉम्बे की यह पहल आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास है। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल ऑफ़ कंप्यूटर साइंस & आईटी से आशीष जोशी और अन्य स्टाफ ने सहयोग किया ।